Summer Flowers plants: भारत एक रंगीन मौसम वाला देश है। आप चाहे उत्तर के कश्मीर जाये या दक्षिण की कन्याकुमारी, पूर्व में गांधीनगर या पश्चिम के ईटानगर में पहुंच जाये। हर क्षेत्र में आपको सामान्य फूलों के साथ नये वैराइटी के फूल देखने को मिल जाते हैं। कुछ फूल मौसम के अनुसार खिलते है, तो कुछ फूल सदाबहार होते है।
गार्डर्निंग के शौक रखने वाले लोग अक्सर मौसम के अनुरूप अपने बगीचे को सुंदर और सुगंधित रखना चाहते है, लेकिन कई बार वो ऐसा करने में सफल नहीं हो पाते है, क्योंकि उन्हें रैनी, विंटर और समर के दौरान खिलने वाले फूलों के बारें में पूरी जानकारी नही होती है।
अक्सर लोग सोचते हैं कि रैनी और विंटर सीजन में मौसम ठंडा होने के कारण कई वैराइटी के फूल खिलते है, लेकिन समर सीजन में कड़क धूप वाले तापमान के कारण पौधे उगने और फूल खिलने के बजाय पौधे सूख सकते हैं।
यदि आप भी ऐसा सोचते हैं तो बता दे कि कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जो विशेष रूप से समर सीजन में ही उगाए जाते हैं, क्योंकि भारत में गर्मियों का समय भी कई प्रकार के फूलों के खिलने के लिए उपयुक्त है और कुछ पौधे तो ऐसे होते हैं, जिन्हे बढ़ने के लिए समर सीजन के गर्म मौसम और कड़क धूप वाली विशेष जलवायु की ही जरूरत होती है।
यदि आप भी गार्डनिंग का शौक रखते है और समर सीजन के तेज और कड़क गर्मी में भी अपने बगीचे को फूलों से हरा-भरा रखना चाहते हैं। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको Top 15 Summer Flowers plants for India के बारे में बताने वाले हैं।
इस आर्टिकल की मदद से आप जान पाएंगे कि गर्मी में किस तरह के फूल खिलते हैं ताकि आप भी अपने गार्डन को समर सीजन में कलरफुल और सुगंधित बना सकें। आइये जानते हैं समर सीजन के बेस्ट 15 फूलों के बारे में :
Top 15 Summer Flowers plants for India
1.बोगनवेलिया (Bougainvillea)
बोगनवेलिया फूल का पौधा जिसे लेसर बोगनवेलिया, पेपर फूलों का पौधा भी कहते है, अपने हरे पत्ते और जीवंत गुलाबी, बैंगनी और नारंगी रंग के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। इस फूल की बनावट देखकर लोग इसे फूल कम और पंखुड़ी ज्यादा समझते है। बोगनवेलिया कोई विशेष रखरखाव वाला पौधा नहीं है। हालांकि ये सूर्य के प्रकाश के प्रेमी होते हैं, इसलिए इसके फलने-फूलने के लिए गर्मी के महीना बेस्ट है। इसे थोड़े पानी की ही जरूरत है, बहुत अधिक पानी देने से शुरुआत में अच्छी वृद्धि होगी, लेकिन बाद में जड़ सड़ सकती है।
2. बालसम (Balsam)
गर्मी के महीने मे जब अपने बगिया को रंग बिरंगे फूलों से भरना हो, तो आप बालसम फूलों को लगा सकते हैं। इसको हिन्दी मे गुलमेहंदी कहा जाता हैं । खूबसूरत होने के साथ-साथ इस पौधे के कई आयुर्वेदिक उपयोग भी हैं। बालसम का ये पौधे अपने हरे भरे पत्ते और एक साथ ढेर सारे फूलों के गुच्छे के कारण बहुत पसंद किया जाता है। इसे प्रत्येक साल नए सिरे से लगाना पड़ता है। बालसम के पौधे में घनी पत्तियों से चिपक कर उसके मुख्य भाग पर कई सारे फूल एकसाथ निकलते हैं।
इस पौधे के फूल अक्सर अप्रैल-मई-जून में देखे जाते हैं। इस फूल को अच्छी तरह खिलने के लिए कम से कम 4-5 घंटे की सीधी धूप बहुत जरूरी है, क्योंकि छायादार जगह पर इन फूलों की संख्या और क्वालिटी दोनों पर बुरा असर होता है। इसलिए समर सीजन बालसम फूलों के लिए बेस्ट माना गया है।
3. वर्बेना (Verbena)
ये आमतौर पर बहुत कम उगने वाले पौधे में से हैं, इनके फूलों में दांतेदार किनारों के साथ गहरे हरे रंग की लम्बी पत्तियां भी होती हैं। वर्बेना रंगीन फूलों जैसे लाल, गुलाबी, बैंगनी, पीला आदि के समूहों के रूप में दिखाई देते हैं, जो वसंत से शुरू होकर गर्मी तक लगातार खिलते हैं। वर्बेना के कई हाइब्रिड प्रजाति उगाए जाते हैं,
वर्बेना के पौधे को पूरे दिन सूर्य के प्रकाश और हवा की भरपूर आवश्यकता होती है और इसके ये मिट्टी के बारे में कुछ खास जरूरी नहीं है, बस इतना कि ये अच्छी तरह से सूखे हुए मिट्टी में उगाई जाती है बशर्ते इन्हें समय समय पर थोड़ा पानी देते रहना पड़ता है। ध्यान रहे कि ज्यादा गिली मिट्टी होने से इसके जड़ सड़ भी सकते हैं। छायादार स्थानों में वर्बेना के पौधे लगाने से इनके फूलों की संख्या कम हो सकती हैं
वर्बेना के फूलों में कई प्रकार के प्रजातियां होती है, जो इनके रंगो गहरे बैगनी, चेरी लाल, सफेद, हल्का गुलाबी, गहरा गुलाबी में काफी लोकप्रिय होती हैं।
4. कॉसमॉस (Cosmos)
अप्रैल-मई–जून मे पीले, नारंगी , लाल आदि रंगों में खिलने वाले खुशबूदार कॉसमॉस अपने घर के बाउंड्री पर एक लाइन से लगाने में बहुत खूबसूरत लगता है। कॉसमॉस गर्मी के मौसम में सहजता के साथ पनपते है, इसलिए कॉसमॉस को जितना धूप मिले, उसके लिए उतना ही अच्छा है। कॉसमॉस के लिए कम से कम 6 से 7 घंटे का धूप जरूरी रूप से चाहिए होता है। समर सीजन के फ्लावर में से एक है, इस कारण इसे पर्याप्त मात्रा में पानी के जरूरत होती है।
5. सेलोसिया (Celosia)
सेलोसिया के फ्लावर गहरे लाल, गहरे गुलाबी, और पीले कलर में पंख नुमा आकार की तरह छूने में मखमली जैसे लगता है। इसे कॉक्सकाम्ब ( cockscomb) के नाम से भी कहा जाता है। सेलोसिया के पौधे और फ्लावर अत्यंत गर्म स्थल में पनपते है। सेलोसिया पौधे के तने बहुत पतले होते हैं और ये गर्मी के हवा या तूफान से टूट भी सकते हैं, इसलिए अक्सर इन्हें लगाने के लिए एक आश्रय वाले हिस्से को वैकल्पिक माना गया है।
गर्मियों से शुरू होने वाला है ये प्लांट बरसात तक के बगीचे को खुशनुमा बना कर रखता है। बस इन्हें भरपूर मात्रा में धूप की जरूरत होती है। सूर्य के किरणों के कारण ये बहुत ही शानदार और खिले हुए दिखाई देते हैं।
इस फूल को कम से कम दिनभर में 4 से 5 घंटे की धूप देनी होती है। सेलोसिया के कटे हुए फूल गुलदस्ते को भी अधिक समय तक तरोताजा रखते हैं।
6. डेज़ी (Glorious Daisy)
डेज़ी के फूल बालकनी, छत या बगीचे में उगाना बहुत ही आसान है। डेज़ी फ्लावर को हिंदी में गुलबहार के नाम से जाना जाता है। पूरी दुनिया में केवल अंटार्कटिका ही ऐसी जगह जहां पर ये फूल नहीं मिलते हैं। बसन्त ऋतु से लेकर गर्मी के मौसम तक में ये डेजी फ्लावर आपके बगीचे को सुगन्धित करके रखता है। इसको पनपने के लिए सूरज की अच्छी रोशनी की जरूरत होती है।
डेजी का पौधे की लम्बाई 3 से 5 फ़ीट तक होती है। पीले या सफेद रंग के इस डेजी फ्लावर की पंखुड़ियां बहुत पतली और कम चौड़ाई वाली होती है। कुछ प्रजातियों में डेजी का फूल बैंगनी, नारंगी, नीला कलर का भी होता है। ये देखने में सूरजमुखी फूल के समान ही लगते है।
इसकी खुशबू बहुत शानदार होती है, इसलिए तितलियां और अन्य कीट भी डेजी फ्लावर की तरफ आकर्षित होते है। सूरज की रोशनी इसके लिए कितना है जरूरी है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि शाम होते समय इस फूल की पंखुड़ियां बंद हो जाती है और फिर सूर्योदय होने पर ही खुलती है। इसलिए इस फूल को “दिन का आंख” भी कहा जाता है।
7. डैफोडिल (Daffodils)
डैफ़ोडिल्स के खूबसूरत फूल को हिन्दी में नरगिस(नर्गिस) कहा जाता है। बसंत से लेकर गर्मी तक के मौसम में डैफोडिल को देखा जा सकता है। सूरज की अच्छी रोशनी में डैफ़ोडिल्स बहुत अच्छी तरह से खिलते हैं। ठंड के मौसम में या छायादार स्थान पर डैफोडिल उतनी अच्छी तरह से नहीं खिल पाता है, जितना गर्मी के मौसम में खिलता है। डैफ़ोडिल्स का पौधा एक बार लगाने के बाद वर्षों तक जीवित रह सकता हैं।
डैफोडिल को एक बार जमने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत होती है। गर्मी आते-आते पूरी तरह से पनप जाते हैं, तो इन्हें पानी की जरूरत ज्यादा महसूस नहीं होती है और एक आत्मनिर्भर पौधे की तरह ये आगे बढ़ने लगते हैं।
ध्यान रहे कि डैफोडिल का पौधे के फूल और पत्तियां विषाक्त होते है। इसलिए छोटे बच्चे और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर डैफोडिल के पौधे को लगाएं।
8. लैवेंडर (Lavender)
लैवेंडर का पौधा और फूल बहुत सुगंधित होता है, जिसमें बैगनी रंग के फूलों के स्पाइक्स, भूरे-हरे पत्ते एक कॉम्पैक्ट झाड़ी के रूप में होते है। बसंत के शुरुआत में इस पौधे को लगाया जाता है, क्योंकि हल्के गर्म तापमान के कारण मिट्टी गर्म हो जाती है।
लैवेंडर का पौधा सूर्य की पर्याप्त रोशनी में ही पनपता है। लेवेंडर के पौधे में एक साथ बहुत सारे फूल और कलियां पर्याप्त सूर्य की रोशनी के कारण ही अच्छे तरीके से खिल पाते है, क्योंकि लैवेंडर के पौधे को अच्छी तरह से सूखे मिट्टी पसंद होते है। लैवंडर के फूल की एक खासियत ये भी है कि इसके फूल सूखने के बाद भी अपने खुशबू को बरकरार रखते हैं।
9. डेलिली (Day lily)
डेलिली हर तरह की मिट्टी मे अच्छे से उगता है। डेलिली फ्लावर सफेद, पीला, लाल जैसे कई रंगों और हज़ारों किस्मो में होता है। ये बहुत ही सुंदर और सुगंधित फूलों में से होता है और इसमें बहुत ही कम किटों का हमला होता है। डेलिली फ्लावर मात्र एक दिन ही खिलता है, इसलिए इसे डेलिली कहा जाता है। डेलिली के मैदानी इलाके और अप्रैल-मई-जून के महीने में अच्छी ब्लूमिंग के साथ होती है।
इस पौधे की खासियत ये है कि इसमें एक फूल आने के बाद ही दूसरे फूल आते हैं यानि कई फूल एक साथ ना खिलकर एक के बाद एक फूल आते हैं।
डेलिली को लगाते समय ध्यान रखें कि डेलिली की कुछ प्रजातियां जहरीले होते हैं, जो पालतू जानवरों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं । डेलिली समर सीजन का फूल है, इसलिए इसके लिए गर्मी के 6 घंटे के धूप बहुत जरूरी होती हैं। इसे बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है, बस हल्की नमी इसकी मिट्टी में बरकरार रहे।
10. गुलाब या कस्तूरी गुलाब (Rose /Musk Rose)
गुलाब के फूल के बारे में किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। गुलाब के फूल सिंगल हो या कस्तूरी गुलाब की तरह गुच्छे में हो, ये इतने शानदार खुशबू के साथ आते हैं कि कोई भी इसके आनंद लिए बिना नहीं रह पाते है। वैसे तो गुलाब का पौधा हर मौसम में अंत में अच्छे से खिलता है, लेकिन कस्तूरी गुलाब विशेष रूप से गर्मियों में खिलता है।
गुलाब को बहुत अधिक देखभाल की जरूरत होती है, तभी ये अच्छे शानदार फूलों के साथ खिलेंगे। बसंत ऋतु से लेकर अप्रैल माह तक का समय गुलाब के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है, इस दौरान आपको तरोताजा गुलाब देखने को मिल जाएंगे।
गुलाब के पौधे को वसंत या शुरुआती गर्मियों में लगाना जरूरी है, ताकि हल्के गर्म मौसम के साथ गुलाब के पौधे को प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे की सूरज की रोशनी प्राप्त हो सके। यदि गुलाब के पौधे को सूरज की अच्छी रोशनी नहीं मिलती है, तो वह कुछ दिन में ही मर जाते हैं। इसलिए गर्मी का समय गुलाब या कस्तूरी गुलाब के लिए बेस्ट माना गया है।
जितना अधिक सूरज का प्रकाश गुलाब के पौधे को मिलेगी, उसके फूल उतने ही शानदार खिलेंगे, क्योंकि गुलाब के पौधे को ज्यादा गीली या ठंडी मिट्टी पसंद नहीं होती है। गुलाब के फूल प्राकृतिक रूप से कई रंगों में होते हैं, लेकिन हाइब्रिड गुलाब के फूलों में दो से तीन कलर एक गुलाब में होते हैं।
11. सूरजमुखी (Sunflower)
सूरजमुखी समर सीजन का सबसे मुख्य फ्लावर्स में से एक है। इसे सूरजमुखी का फूल इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस फूल का मुख हमेशा सूरज की ओर ही होता है। चमकीले पीले सूरजमुखी में एक विस्तृत केंद्रीय भाग होता है, जो अपने चारों तरफ छोटी पंखुड़ियों से घिरा होता है। सूरजमुखी के एक शाखा में एक फूल को ही पकड़ कर रखता है। प्राकृतिक रूप से सूरजमुखी एक गहरे पीले रंग का होता है, हालाँकि, अब हाइब्रिड प्रक्रिया के तहत चॉकलेट ब्राउन, गहरे बरगंडी और कई रंग के सूरजमुखी के फूल देखने को मिल जाते हैं।
बसंत के हल्के गर्म मौसम से सूरजमुखी के पौधे लगाने से गर्मी तक इसमें अच्छे फूल आने लगते हैं, क्योंकि सूरजमुखी के फूल को खिलने के लिए पर्याप्त धूप स्थान और अच्छी तरह से सूखे मिट्टी की जरूरत है।
12. गेंदा (Marigold)
गेंदे का फूल यानि मेरीगोल्ड को किसी पहचान की जरूरत नहीं है। शादी ब्याह या फिर पूजा सभी कार्यक्रमों के दौरान इस फूल का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। गेंदे के फूल की खेती भी बहुत बड़े स्तर पर की जाती है। ज्यादातर गेंदे का फूल पीला और ऑरेंज कलर में होता है, जो कई आकार में होता है। इसका पौधा 6 इंच से लेकर 2 से 3 फीट तक भी होता है। सर्दियों के मौसम में ये फूल ज्यादा खिलते हैं, हालांकि गर्मी में भी अच्छी देखरेख में ये फूल अच्छे से खिलते हैं।
ज्यादा गेंदे के फूल दिसंबर से अप्रैल तक दिखाई देते हैं। गेंदे के पौधे के लिए ज्यादा तापमान की जरूरत नहीं होती है, इसलिए इसके लिए सुबह के 2 घंटे का धूप काफी होता है।
13.गोम्फ्रेना (Gomphrena)
गोम्फ्रेना को वैज्ञानिक भाषा में ग्लोब ऐमारैंथ (Globe Amaranth) के नाम से जाना जाता है। ये कई रंगों जैसे बैंगनी, सफेद और लाल रंग में सुंदर और सुगंधित फूल देते हैं। इसके तने के ऊपरी सिरे पर गोल आकार के फूल खिलते हैं। इनके फूलों में कई सारी पतली पंखुड़ियाँ होती हैं।
इसमें नेक्टर और परागकण भी से भरपूर होते हैं, जिसके कारण अक्सर इनमें मधुमक्खियों, तितलियों, भौरों का आना जाना लगा रहता हैं। इसे बहुत कम देखभाल के साथ गमलों में भी उगाना बहुत आसान है। ये समर सीजन का विशेष पौधा है, क्योंकि ये पूर्ण सूर्य प्रकाश में ही अच्छी ग्रोथ करता है। छायादार स्थान ये अच्छे से ग्रो नहीं कर पाता है।
14.हिबिस्कस (Hibiscus)
हिबिस्कस को हिंदी में गुड़हल कहते हैं। इसे जवाकुसुम के नाम से भी जाना जाता है। इसके फूल बहुत सुन्दर लगते है। हिबिस्कस के कई फायदे भी होते है। इसके फूल कई कलर जैसे लाल, पीला और सफ़ेद मैं मुख्य रूप से मिलता है। इसका पौधा एक बड़ी झाड़ी जैसे होता है और एक बार लगाने से ये पौधा काफ़ी लम्बे समय तक जीवित रहता है l इनके फूल में 7 या इससे ज्यादा पंखुड़ियां होती है, जो काफी पतली और एक दूसरे से जुड़ी होती है।
गुड़हल के पौधे को लगाने के लिए तापमान मध्यम में होना चाहिए, इसलिए जनवरी से लेकर अप्रैल तक माह इसके लिए उपयुक्त रहता है। गुड़हल एक बहुत ही अच्छा Summer Flowers plants में से एक है।
15.जीनिया (Zinnia)
जीनिया फूल के पौधे के लिए गर्मी का मौसम बेस्ट है, क्योंकि इस पौधे को सीधी धूप की आवश्यकता होती है। साथ ही इन्हें पानी की बराबर मात्रा भी चाहिए होता है । जिन्निया का पौधा तो जल्दी लग जाता है, लेकिन इसके फूल खिलने में थोड़ा समय लगते हैं। जिनिया के फूल का आकार और बनावट सूरजमुखी और डेजी फ्लॉवर के समान होता है। इसके फूल में पंक्तियों की संख्या एक या किसी किसी में दो भी हो सकती है। जिन्निया के पौधे की मुख्य खासियत है कि इसे काटने के बाद भी इनमें फूल खिल आते है।
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– Desi Dikra
तो दोस्तों आज के इस लेख में हमनें Top 15 Summer Flowers plants for India के बारे में पूरी जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा, यदि आपको समर के साथ अन्य सीजन के फूल के बारे में भी कोई और जानकारी चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में अपनी राय लिखें और इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।